Hartalika Teej 2022: क्या आप तीज व्रत के बारे में जानते है की तीज व्रत क्या है और Hartalika Teej Kyu Manaya Jata Hai. अगर आपको को हरतालिका तीज की जानकारी नहीं तो आज के इस लेख में आपको इसके बारे में पूरी जानकारी मिलेगी.
प्रत्येक साल भाद्रपद मास में कई व्रत-त्योहार आते हैं और उनमे से एक हरतालिका तीज भी है। ऐसा मन जाता है की इस व्रत को महिलाएं अखंड सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन के लिए करती हैं तो चलिए जानते है तीज पर्व के बारे में विस्तार से.
हरतालिका तीज क्या है(What is Hartalika Teej in Hindi)?
Hartalika Teej 2022: हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को प्रत्येक साल मनाया जाता है. इस दिन भगवन शिव और माता पारवती की पूजा की जाती है. इस व्रत को शादीशुदा महिलाओं के साथ ही कुमारी कन्याओं के द्वारा भी रखा जाता है
इस व्रत को विवाहित स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं तो वही पर कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए
चलिए जानते है की हरतालिका तीज व्रत करने के नियम क्या है.
Hartalika Teej Kyu Manaya Jata Hai
ये पर्व भगवान् महादेव और माता पार्वती को समर्पित होता है मन जाता है की इसी दिन माता पार्वती ने कठोर तपस्या के बाद भगवन शिव को प्राप्त किया था.
कुवारी लड़कियाँ इस त्यौहार को मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए करती है तो वही सुहागन महिलाये पति की लम्बी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती है
यह मान्यता है की हरियाली तीज के दिन ही भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार करने का वरदान दिया था और इसी कारन से इस दिन को लोगो हरियाली तीज के रूप में मानते आ रहे है.
इस दिन सुहागिन महिलाएं भगवान शिव जी माता और पार्वती जी की पूजा करती हैं
हरतालिका तीज व्रत के नियम
हरतालिका तीज व्रत निर्जला रखा जाता है।
कई जगह इस व्रत के अगले दिन जल ग्रहण किया जाता है। लेकिन कुछ लोग व्रत वाले दिन पूजा के बाद ही जल ग्रहण कर लेते हैं।
हरतालिका तीज व्रत एक बार शुरू करने के बाद इसे छोड़ा नहीं जाता है। प्रत्येक वर्ष इस व्रत को विधि विधान से रखा जाता है। इस व्रत में महिलाएं दुल्हन की तरह सजती संवरती हैं और दिन सोते नहीं हैं
हरतालिका तीज की पूजा विधि
हरितालिका तीज के व्रत में श्रीगणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
सबसे पहले मिट्टी से तीनों की प्रतिमा बनाएं जाता है और भगवान गणेश को तिलक करके दूर्वा अर्पित किया जाता है.
इसके बाद भगवान शिव को फूल, बेलपत्र और शमिपत्री अर्पित करें और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
तीनों देवताओं को वस्त्र अर्पित करने के बाद हरितालिका तीज व्रत की कथा पढ़ी और सुनी जाती है.
और उसके बाद श्रीगणेश भगवन की आरती की जाती है और भगवान शिव और माता पार्वती की आरती उतारने के बाद भोग लगाया जाता है
2022 में हरतालिका तीज व्रत कब है? | Hartalika Teej 2022 Date
भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को ये त्यौहार मनाया जाता है और इस इस बार ये पर्व 30 अगस्त 2022 मंगलवार को पड़ रहा है
हरतालिका तीज व्रत – 30 अगस्त 2022
भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि शुरू – 29 अगस्त 2022 सोमवार, दोपहर 03.20 बजे से
भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि समाप्त – 30 अगस्त 2022 मंगलवार,दोपहर 03.33 बजे तक
सुबह का शुभ मुहूर्त- 30 अगस्त 2022, सुबह 06.05- 08.38 बजे तक
प्रदोष काल मुहूर्त – 30 अगस्त 2022, शाम 06.33- रात 08.51 रहेगा
हरतालिका तीज 2022 पूजा मुहूर्त
हरतालिका तीज के दिन पूजा करने के लिए दो मुहूर्त हैं। एक सुबह के समय में और दूसरा प्रदोष काल में यानि की सूर्यास्त के बाद।
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हरतालिका तीज का क्या महत्व है | हरतालिका तीज का महत्व (Importance of Hartalika Teej in Hindi)
सुहागिन स्त्रियों की हरतालिका तीज में गहरी आस्था होती है महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
ऐसा मन जाता है कि इस व्रत को करने से सुहागिन स्त्रियों को शिव-पार्वती अखंड सौभाग्य का वरदान देते हैं। वहीं कुंवारी लड़कियों को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।
हरतालिका तीज की कथा | हरतालिका तीज की कथा क्या है | हरतालिका तीज की कथा सुनाइए | हरतालिका तीज की कहानी सुनाइए
हरतालिका तीज की कहानी कुछ इस प्रकार से है की पिता के यज्ञ में अपने पति शिव का अपमान देवी सती सह न सकीं थी और उन्होंने अपने आप को यज्ञ की अग्नि में भस्म कर दिया।
उनका अगला जनम हुआ उन्होंने अगले जन्म में राजा हिमाचल के यहां जन्म लिया। पिछले जन्म की स्मृति शेष रहने के कारण इस जन्म में भी उन्होंने भगवान शंकर को ही पति के रूप में प्राप्त करने के लिए तपस्या की। देवी पार्वती ने तो मन ही मन भगवान भोलेनाथ को अपना पति मान लिया था और वह सदैव भगवान शिव की तपस्या में लीन रहतीं।
अपने पुत्री की ऐसी हालत देखकर राजा हिमाचल को चिंता होने लगी। इस बात को लेकर उन्होंने नारदजी से चर्चा की तो उनके कहने पर उन्होंने अपनी पुत्री उमा का विवाह भगवान विष्णु से कराने का निश्चय किया। पार्वतीजी भगवान विष्णु से विवाह नहीं करना चाहती थीं।
पार्वती के मन की बात जानकर उनकी सखियां उन्हें लेकर घने जंगल में चली गईं। इस तरह उनके सखियों द्वारा उनका हरण कर लेने की वजह से इस व्रत का नाम हरतालिका व्रत पड़ा।
पार्वती तब तक शिवजी की तपस्या करती रहीं जब तक उन्हें भगवान शिव पति के रूप में प्राप्त नहीं हो गए । और तभी से पार्वतीजी के प्रति सच्ची श्रृद्धा के साथ यह हरतालिका व्रत किया जाता है।
FAQ on Hartalika Teej 2022
2022 में हरतालिका तीज व्रत कब है?
30 अगस्त 2022 मंगलवार
भादो का तीज कब है?
30 अगस्त 2022 मंगलवार को
तीज व्रत में क्या क्या सामान लगता है?
16 श्रृंगार के सामान जिसमे माता पार्वती के लिए एक हरी साड़ी, सुहाग का सामान जैसे सिंदूर, बिंदी, बिछुआ, मेहंदी, चूडियां, महौर, खोल, कुमकुम, कंघी, इत्र आदि। इसके अतिरिक्त कलश, अक्षत्, दूर्वा, अबीर, श्रीफल, चंदन, तेल, घी, कपूर, गाय का दूध, गंगाजल, दही, चीनी, शहद और पंचामृत आदि
हरतालिका तीज का क्या महत्व है?
महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं
Hartalika Teej Kyu Manaya Jata Hai?
शादीशुदा स्त्रियां अपने सुहाग को अखण्ड बनाए रखने और अविवाहित युवतियां मन मुताबिक वर पाने के लिए हरितालिका तीज का व्रत करती हैं
Final Words on Hartalika Teej
दोस्तों इस लेख में हमने आपको तीज व्रत के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की है जैसे की हरितालिका तीज क्या है Hartalika Teej kab hai और Hartalika Teej Kyu Manaya Jata Hai.
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