Ganesh Chaturthi 2022: गणेश चतुर्थी पर्व बरे ही धूम धाम से मनाया जाता है और हर साल इस दिन को लोग बरे हर्षा और उल्लास के साथ मनाते है पर बहुत सारे लोगो को ये नहीं पता होता है की Ganesh Chaturthi kya hai, गणेश चतुर्थी क्यो और कैसे मनाया जाता है।
अगर आप भी गणेश चतुर्थी के बारे में नहीं जानते हैं, तो मैं आज आपको गणेश चतुर्थी के बारे में जानकारी देने वाला हूं।
प्रत्येक महीने में दो चतुर्थी हिन्दू पंचाग के अनुसार पड़ती है।
इस दिन श्रद्धालु व्रत रख विधि विधान से प्रथम पूज्य भगवान गणेश जी का पूजन-अर्चन करते है, और उन्हें प्रसन्न करते हैं।
तो चलिए जानते है गणेश चतुर्थी के बारे में विस्तार से.
Ganesh Chaturthi Kya Hai (What is Ganesh Chaturthi Meaning) ?
गणेश चतुर्थी का महत्व हिन्दू संस्कृति में कोई भी कार्य शुरू करने से पहले भगवान श्री गणेश जी की पूजा सबसे पहले की जाती है।
पंडित अवधेश मिश्रा के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले गणेश जी की पूजा करने से ही सफलता मिलती है और इसे शुभ माना जाता है।
भगवान गणेश के पूजन से भक्तों को सुख, समृद्धि और यश की प्राप्ति होती है। वह सभी संकट से दूर करते हैं।
गणेश चतुर्थी का व्रत करने से या फिर इस दिन गणपति की पूजा-अर्चना करने से सभी बिगड़े कार्य बन जाते हैं। साथ ही भगवान गणेश सारे संकटों को दूर करते हैं।
गणेश चतुर्थी क्यों मनाते है (Why do We Celebrate Ganesh Chaturthi) ?
गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था। इसीलिए हर साल इस दिन गणेश चतुर्थी धूमधाम से मनाई जाती है
भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है।। भगवान गणेश को सभी संकट हरने वाला भी कहा जाता है।
भगवान गणेश ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के प्रतीक हैं. भारत में लोग कोई भी नया काम शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा करते है.
भगवान गणेश को विनायक और विघ्नहर्ता के नाम से भी बुलाया जाता है. गणेश जी को ऋद्धि-सिद्धि व बुद्धि का दाता भी माना जाता है
लोकमान्य तिलक जी ने ही सबसे पहले गणेश चतुर्थी त्यौहार को एक निजी उत्सव से बदलकर एक सार्वजनिक उत्सव घोषित किया. इसके पीछे का कारण ये था की, वो चाहते थे की ब्राह्मण और दुसरे जाती के लोगों के बीच का अंतर समाप्त हो जाये जिससे की सभी लोग एक दुसरे के साथ मिलकर इस उत्सव को हर्ष उल्लाश से मनाएं।
हिंदू धर्म में कोई भी पूजा, हवन या मांगलिक कार्य भगवान गणेश की स्तुति के बिना अधूरा है। इसलिए गणेश चतुर्थी या भगवान गणेश के जन्मदिवस को पूरे देश में उत्साहपूर्वक मनाया जाता है।
क्यों गणेश चतुर्थी 10 दिनों के लिए मनाया जाता है?
विद्वानों का मानना है कि पहले के समय में गणेश चतुर्थी पर्व को सिर्फ 1 दिन ही धूम-धाम से मनाया जाता था. लेकिन अब गणेश उत्सव 10 दिनों तक मनाया जाने लगा है. और 11वें दिन की अनंत चतुर्दशी पर भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है.
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, श्री वेद व्यास ने गणेश चतुर्थी से महाभारत कथा श्री गणेश को लगातार 10 दिनों तक सुनाई थी। जब वेद व्यास ने 10 दिन बाद आंखें खोली तो पाया कि गणेश जी का तापमान बहुत अधिक हो गया था। इसके बाद वेद व्यास जी ने गणेश जी को निकट के सरोवर में ले जाकर ठंडा किया था।
लोकमान्य तिलक ने कहा कि भगवान गणेश जी ही मात्र एक ऐसे देवता हैं, जिन्हें सभी समाज के लोग पूजनीय मानते हैं और अंग्रेज भी इसमें दखलअंदाजी नहीं करेंगे। ऐसे में उन्होंने सबको एकजुट करने के लिए सार्वजनिक गणेशोत्सव कि शुरुआत की, जिसमें 10 दिनों तक भगवान गणेश का ये उत्सव हर साल जोर-शोर से मनाया जाने लगा।
गणेश चतुर्थी की शुभ मुहूर्त कब है?
31 अगस्त, बुधवार को दोपहर में 11:04 बजे से दोपहर 01:50 बजे के मध्य गणपति की पूजा का मुहूर्त है।
प्रत्येक महीने में दो चतुर्थी होती है जिन्हें भगवान श्री गणेशजी की तिथि माना जाता हैं.
दो में से एक जो अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं.।
गणेश चतुर्थी कब है 2022 में (Ganesh Chaturthi 2022 Date)?
गणेश चतुर्थी 2021 में शुक्रवार के दिन 31 August को है।
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गणेश चतुर्थी के मुख्य मंत्र क्या हैं?
गणेश जी के मुख्य मंत्रों में से एक मंत्र ये है–:
“ॐ गं गणपतये नम:
गणेश जी के इस मंत्र के जाप करने से जीवन के तमाम विघ्न दूर हो जाते है।।।।
वैसे गणेश जी के 5 मंत्र होते है।।
1. उच्छिष्ट गणपति का मंत्र..
– ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा।।
2 . आलस्य, निराशा, कलह, विघ्न दूर करने के लिए यह मंत्र जपें – गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:
3 . विघ्न को दूर करके धन व आत्मबल की प्राप्ति के लिए गणपति का मंत्र जपें -‘ॐ गंं नमः’
4 . रोजगार की प्राप्ति व आर्थिक वृद्धि के लिए – – ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
5 . विवाह में आने वाले दोषों को दूर करने वालों गणेश मंत्र का जप करने से शीघ्र विवाह व अनुकूल जीवनसाथी की प्राप्ति होती है-
– ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
गणेश चतुर्थी पूजा विधि
जिस किसी साल श्री गणेश जी का जन्मोत्सव व्रत रविवार और मंगलवार के दिन पड़ता है,, उस साल इस व्रत को महाचतुर्थी व्रत कहा जाता है। महाचतुर्थी व्रत के दिन पूजा पाठ करने से इंसान के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
देवों में गणेश जी प्रथम पूजनीय देवता माने जाते हैं। किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले गणेश को जरूर याद किया जाता है। भगवान गणेश बहुत ही कृपालु हैं,, इनके पूजन से सारे कष्ट दूर हो जाते है।
पुजन विधि:
प्रातः काल स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेते हुए गणपति का ध्यान करें। एक साफ चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर इसके ऊपर गणेश जी की मूर्ति को स्थापित करें।
गंगा जल का छिड़काव करके पूरे स्थान को पवित्र करें। भगवान श्री गणेश को पुष्प की मदद से जल अर्पित करें। इसके बाद लाल रंग का पुष्प, जनेऊ, दूब, पान, सुपारी. लौंग, इलायची, नारियल और मिठाई भगवान को समर्पित करें।
भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाएं। सभी चढ़ावा के बाद भगवान गणेश का धूप, दीप और अगरबत्ती से आरती करें। मंत्र जाप के बाद कथा का श्रवण करें।
मंत्र जाप :
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
ॐ श्री गं गणपतये नम: का जाप करें।
मंत्र जाप और पूजा करने के बाद आखिरी में चंद्रमा को दिए हुए मुहूर्त पर अर्घ्य देकर अपने व्रत को पूर्ण करें।।
यदि आपकी कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर है, तो सूर्य ग्रह को मजबूत करने के लिए श्रीगणेश चतुर्थी व्रत किया जा सकता है।
इस व्रत को करके और सूर्य को प्रणाम किया जाता है और गणेशजी की आराधना की जाती है। इससे आपकी कुंडली में सूर्य के द्वारा होने वाली परेशानियां समाप्त हो जाती हैं।
पूजन करने से पहले ध्यान रहे कि आपका मुख पूर्व या उत्तर की तरफ ही रहे, भगवान श्री गणेश को पुष्प की मदद से जल अर्पित करे।
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गणेश चतुर्थी कब मनायी जाती है (When Ganesh Chaturthi is Celebrated in Hindi) ?
गणेश चतुर्थी भारत के विभिन्न राज्यो में मनाया जाता है पर महाराष्ट्र में बहुत धूम धाम से इस त्योहार को मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी गणेश जी के जन्मदिन पर मनाया जाता है।
गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था, इसलिए इस दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि, और सौभाग्य के देवता के रूप में मनाया जाता है।
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