Thursday, November 28, 2024
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IMEI Number क्या है इसे चेक कैसे करे

आज के समय में आप अक्सर IMEI शब्द को सुनते है या फिर ये कहे की सुनने को मिल जाता है. क्या आप जानते है की IMEI number क्या है कभी अपने सोचा की की  IMEI number क्या होता है.

आज इस लेख में आप जानेंगे की  IMEI number क्या है. दुनिया में कोई भी मोबाइल ऐसा नहीं बना होगा जिस्का कोई IMEI number न हो.

किसी भी कंपनी का फ़ोन ले लीजिये स्मार्टफोन या सिंपल फ़ोन या फिर किसी भी कंपनी का हो सबके बैटरी के पीछे IMEI नंबर देखने को मिलेगा कोई भी फ़ोन बिना IMEI number के नहीं आता है.

IMEI Number क्या है इसे चेक कैसे करे

IMEI Number क्या होता है ?

IMEI ka full form International Mobile Equipment Identity होता है जिसका हिंदी में मतलब अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान होता है. यह एक यूनिक नंबर होता है जो परतेक मोबाइल को दिया जाता है जो बैटरी के पीछे दिया गया होता है. IMEI नंबर 15 अंक का होता है. इस नंबर को देने के पीछे यह उद्देस्य होता है की एक मोबाइल से दुसरे मोबाइल अलग है इसकी पहचान की जा सके. किसी भी मोबाइल की पहचान इस नंबर से की जाती है.

IMEI नंबर के फायदे

  • IMEI नंबर की मदद से चोरी हुए फ़ोन का पता लगा सकते है.
  • IMEI नंबर से फ़ोन की लोकेशन पता करना आसान बनाती है.
  • GSM network ko IMEI बर से पता चलता है कि यह एक सही मोबाइल है अथवा वो network access करने से रोका भी जा सकता है.

Mobile में IMEI Number कैसे चेक करे?

वैसे तो बात की जाये तो मोबाइल का IMEI पता करने के लिए बहुत से तरीके है लेकिन जो सबसे अच्छा है जो किसी भी कंपनी के मोबाइल में आप आसानी से पता कर सकते है वो ये है. आप मोबाइल के डायल पैड ओपेन कर *#06# टाइप कर है और अब आपके मोबाइल स्क्रीन पर 115 डिजिट का एक नंबर दीखता है वो आपके फ़ोन का IMEI नंबर होता है.

WordPress Me Plugin Kaise Install Kare

Agar aap blogging field se jure hai ya fir programming se to aise me WordPress ke bare me achhe se jante honge. Pehle ke tutorial me mei aapne padha hoga ki WordPress plugin kya hai.Aaj is lekh me aap janenge ki WordPress me Plugin kaise intall karte hai.

WordPress Me Plugin Kaise Install Kare

Plugin ka istemal hum apne wordpress site me koi naya feature ko jorne ya fir pehle se di gayi feature me kuch badlav karne ke liye karte hai. Aaaye jante hai ki wordpress ki site me plugin kaise install kiya jata hai kaise activate kiya jata hai.

WordPress site me plugin install karne ke liye kai tarike hai jisse apna naya plugin add kar sakte hai sable pahel me asaan tarika bata raha hai.

Steps

Sabse pahle apne WordPress admin me username aur password se login kare.

Ab baye side me diye gaye Plugins option par click kare.

Ab Add New par click kare.

Ab search me Plugin ka naam likhe jisse aap install karna chahte hai.

Ab plugin ke samane diye gaye Install Now button par click kare.

WordPress Me Plugin Kaise Install Kare

Ab Activate button par click kare.

how to activate wordpress plugin

Ab aapke wordpress me plugin install ho chuka hai aur aap iska istemal kar sakte hai.

WordPress Blog में Table of Contents कैसे ऐड करे

अगर आप एक ब्लॉगर या वर्डप्रेस डेवलपर है या फिर इंटरनेट यूजर है तो ऐसे में कभी न  कभी आपने किसी लम्बे लेंथ आर्टिकल में या फिर विकिपीडिया के वेबसाइट पर Table of Contents को देखा होगा. 

Table of contents का वेबसाइट में लगे रहने से यूजर काफी आसानी से पुरे कंटेंट को ब्राउज कर पते है. Table of contents ka इस्तेमाल करने से ब्लॉग के SEO में काफी फायदा होता है. आज के इस लेख हम आपको बताएँगे की WordPress Blog में table of contents कैसे ऐड किया जाता है.

WordPress Blog Me Table of Contents Kaise Add Kare

लम्बे पोस्ट कंटेंट में हमेशा ही टेबल ऑफ़ कंटेंट्स का इस्तेमाल किया जाना चाहिए ताकि यूजर को कम्पलीट ओवरव्यू मिल सके और अच्छा से पढ़ने का अनुभव मिले.

टेबल ऑफ़ कंटेंट्स का Use क्यों करते है ?

अगर अपने विकिपीडिया पर ध्यान दिया हो तो टेबल ऑफ़ कंटेंट जरूर देखा होगा. टेबल ऑफ़ कंटेंट यूजर के लिए लम्बे आर्टिकल को पढ़ना आसान बना देता है क्यूंकि यूजर उसका यूज़ कर अपने मैं चाहे सेक्शन पर एक क्लिक में जम्प कर जाता है. इसके अल्वा SEO में काफी फायदा होता है.

जब आप टेबल ऑफ़ कंटेंट का यूज़ करते है तो गूगल ऑटोमेटिकली आपके साइट के आर्टिकल का जम्प लिंक सर्च रिजल्ट्स में दिखता है जिससे यूजर उस पर क्लिक कर डायरेक्टली उसी सेक्शन में जा सके.

वर्डप्रेस में टेबल ऑफ़ कंटेंट्स कैसे लगाये ?

सबसे पहले आपको वर्डप्रेस प्लगइन Table of Contents Plus को इनस्टॉल करना है. अधिक जानकारी के लिए वर्डप्रेस में प्लगइन कैसे इनस्टॉल करे इस पोस्ट को पढ़ सकते है.

प्लगइन को एक्टिवेट करने के बाद बाएं साइड में दिए गए Settings option par jaye >> Uske baad TOC+ पर क्लिक करे.

वर्डप्रेस में टेबल ऑफ़ कंटेंट्स कैसे लगाये Steps

अब आप को कुछ सेटिंग्स ऑप्शन को बदलना है यानि की सेलेक्ट करना होता है जैसा की निचे इमेज में दिखाया गया है.

लास्ट में अपडेट ऑप्शन पर क्लिक कर जो चेंज टेबल ऑफ़ कंटेंट्स की सेटिंग्स में किया है उससे सेव करे.

वर्डप्रेस में टेबल ऑफ़ कंटेंट्स कैसे लगाये Guide

अब आप अपने ब्लॉग के किसी ऐसे पोस्ट या पेज को ओपन करे जिसमे 4 से जयदा हैडिंग ऐड किया गया हो तो वहां पर आप देखेंगे की टेबल ऑफ़ कंटेंट्स पोस्ट में ऐड हो गया है.

टेबल ऑफ़ कंटेंट्स पोस्ट में ऐड हो गया है

तो इस लेख में आपने सीखा की वर्डप्रेस ब्लॉग में Table of Contents को कैसे ऐड करते है. अगर आप को इस प्लगइन को ऐड करने में कोई परेशानी आती है या फिर कोई सवाल हो तो कमेंट करे.

IP Address क्या है

IP Address: बहुत सारे लोग इंटरनेट उसे तो करते है पर उन्हें ये नहीं पता होता है की IP Address क्या होता है. किनते प्रकार का होता है. अगर आप भी उनमे से एक है आपको भी नहीं पता यही की आईपी एड्रेस होता क्या है तो आज के इस लेख को पढ़ने के बाद ये बात आप अच्छे से जान और समझ जायेंगे.

तो चलिए जानते है IP address के बारे में .

IP Address क्या है (What Is an IP Address in Hindi)

आईपी एड्रेस का पूरा रूप इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस (Internet Protocol Address) होता है. आईपी एड्रेस एक नुमेरिक वैल्यू होती है जो हर एक कंप्यूटर को असाइन होती है जब भी वो किसी TCP या IP बेस्ड नेटवर्क से कनेक्ट होता है कम्युनिकेशन करने के लिए. IP एड्रेस 2 पार्ट्स में बता रहता है होस्ट पार्ट और लोकेशन एड्रेसिंग.

आईपी एड्रेस क्या है (What Is an IP Address)

जब हम किसी कंप्यूटर में इंटरनेट का यूज़ करने के लिए उसे नेटवर्क से जोड़ते है तो उससे यूनिक नंबर दिया जाता है जिससे की उस कंप्यूटर की पहचान हो सके उस यूनिक नंबर को IP address ya Internet Protocol Address कहा जाता है.

आईपी एड्रेस के संस्करण (Versions of IP Address in Hindi)


IP एड्रेस का 2 वर्शन में उपलब्ध है जिसमे पहला IP version 4 (IPV4) aur dusra IP version 6(IPv6) hai.

IPV4  – यह IP एड्रेस 32 बिट नंबर के होते है.

IPV6  – यह IP एड्रेस 128 बिट नंबर के होते है.

IPv4 एड्रेस को 5 क्लास में विभाजन किया गया हुआ है जो : Class A, Class B, Class C, Class D and Class E hai. क्लास A, B और C का ज्यादा टार उसे डिवाइस को इंटरनेट से कनेक्ट करने के लिए किया जाता है. प्रत्येक क्लास जो है एक वैलिड IP एड्रेस के रेंज को रखता है.

Class                         Address Range                                  Supports

Class A                  1.0.0.1 से लेकर 126.255.255.254              कई उपकरणों के साथ बड़े नेटवर्क

Class B                  128.1.0.1 से लेकर 191.255.255.254            मध्यम आकार के नेटवर्क

Class C                  192.0.1.1 से लेकर 223.255.254.254            छोटे नेटवर्क

Class D                  224.0.0.0 से लेकर 239.255.255.255            मल्टीकास्ट समूहों के लिए आरक्षित

Class E                  240.0.0.0 से लेकर 254.255.255.254            भविष्य के उपयोग, या अनुसंधान और विकास के लिए

IP Address Format


IPv4 address format

IP एड्रेस IPv4 का फॉर्मेट 32 बिट नुमेरिक एड्रेस होता है जो की 4 नंबर से बना होता है जो की डॉट से सेपरेट रहता है.

IPv4 का फोरमत कुछ इस तरीके का होता है  x . x . x . x jisme value 0 se 255 के बीच में रहता है.

IPv6 address format

IPv6 एड्रेस दो फॉर्मेट में हो सकते है

Normal –  Sirf IPv6 format

Dual     – IPv6 aur IPv4 फोर्मट्स मिलकर जो IP एड्रेस बनता है.

An IPv6 (Normal) एड्रेस का फोरमत कुछ इस तरीके का होता है y : y : y : y : y : y : y : y jisme value 0 se FFFF के बीच में रहता है. An IPv6 के साधारण एड्रेस आठ टुकड़ों में होते है जैसा की आप ऊपर दिए गए फॉर्मेट को देख कर आसानी से समझ सकते है.

आईपी एड्रेस के प्रकार (IP addresses Ke Types)


आईपी एड्रेस 2 टाइप के होते है जो निचे दिए गए है.

1) Static आईपी एड्रेस

2) Dynamic आईपी एड्रेस

चलिये विस्तार में जाने Static आईपी एड्रेस और Dynamic आईपी एड्रेस क्या है और इनमे क्या अंतर है.

1) Static आईपी एड्रेस

Static name से आपको पता चल रहा होगा की ये आईपी एड्रेस बदलते नहीं है ये तभी बदलता है जब नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर चाहता है. यह एक फिक्स यानि की परमानेंट आईपी एड्रेस होता है जिसके की डिवाइस और नेटवर्क के बीच अच्छे से कम्युनिकेशन हो पाती है. पब्लिक आर्गेनाईजेशन और लीज्ड कनेक्शन में ज्यादा टार static आईपी एड्रेस ही दी जाती है क्यूंकि यहाँ पर स्थैतिक यानि की फिक्स्ड आईपी एड्रेस की जरुरत होती है. Static आईपी एड्रेस महंगा होता है.Static आईपी एड्रेसकम सिक्योर माना जाता है क्यूंकि इससे ट्रैक करना आसान होता है.

2) Dynamic आईपी एड्रेस

डयनमिक आईपी एड्रेस भी आईपी एड्रेस का टाइप है जो डयनमिकालय आपके कंप्यूटर को दिया जाता है. यह आईपी एड्रेस टेम्पररी होता है.यह आईपी एड्रेस हर बार आपके कंप्यूटर को दिया जाता है जब वो इंटरनेट से कनेक्ट होता है. डयनमिक आईपी एड्रेस ज्यादा सिक्योर होता है क्यूंकि इससे ट्रैक करना मुश्किल होता है.

मेरा आईपी एड्रेस क्या है कैसे पता करें ? (How to Find Your IP Address in Hindi)

आईपी एड्रेस जानने के लिए अपने कंप्यूटर या मोबाइल में ब्राउज़र ओपन करे गूगल पर सिर्फ what is my ip या what is my ip address सर्च करे और गूगल आपका पब्लिक आईपी एड्रेस बता देगा

Conclusion: IP Address

उम्मीद है की अब आप IP address के बारे में पूर्ण रूप से जान गए होंगे.

अगर आईपी एड्रेस से जुड़ा कोई सवाल या सुझाव आपके पास हो तो कमेंट करे. हमारे द्वारा दी गयी जानकारी अच्छा लगा हो तो शेयर ज़रूर करे.

Bal Diwas कब और क्यों मनाया जाता है

आज के इस लेख में आप चिल्ड्रेन’स डे के बारे में पूर्ण रूप से जानेंगे. चिल्ड्रेन’स डे को हिंदी में Bal Diwas बोलै जाता है. सबसे पहले आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि Bal Diwas कब मनाया जाता है डेट तो आप को बता दे की बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है.

Bal Diwas कब और क्यों मनाया जाता है

इस लेख में आपको बाल दिवस से जुड़ी सभी जानकारी जानने को मिलेगी जैसे की बाल दिवस कब से मनाया जाता है, बाल दिवस कब मनाया जाता है डेट,बाल दिवस कब और क्यों मनाया जाता है, bal diwas in hindi,अंतर राष्ट्रिय बाल दिवस कब मनाया जाता है. आये बाल दिवस के बारे विस्तार में जाने.

Bal Diwas कब और क्यों मनाया जाता है (Why and When do we celebrate Children’s Day)

देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जनम दिन 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मान्या जाता है. नेहरू जी को बच्चों से बहुत प्यार था और बच्चे भी उन्हें बहुत प्रेम करते थे. उन्हें बच्चों के साथ समय बिताना बहुत अच्छा लगता था.

पंडित नेहरू को बच्चे चाचा नेहरू कह कर बुलाते थे. इसलिए भारत देश में चाचा नेहरू के जन्म दिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. बाल दिवस के दिन बच्चों के देखभाल अधिकार और शिक्षा के प्रति लोगो में जागरूकता लाने की कोशिश की जाती है.

Bal Diwas का इतिहास (Children’s Day History)

बाल दिवस मनाने की शुरुआत साल 1925 में की गयी थी उसके बाद साल 1953 में इससे दुनिया भर में मान्यता मिली. दुनिया भर में मनाने के बाद संयुक्त राष्ट द्वारा 20 नवंबर को अंतर राष्ट्रीय बाल दिवस की घोसना की गयी. बहुत सारे देश में 20 नोव को ही अभी भी बाल दिवस मनाया जाता है.

Bal Diwas कैसे मनाया जाता है (How children’s day is celebrated) ?

बाल दिवस के अवसर पर सभी विदयलयो में अनेक प्रकार के पतियोगिता और कारकार्यं आयोजित की जाती है. इस दिन बच्चे चचा नेहरू के बारे में निबंध लिखते है और प्रतियोगता में भाग लेते है.

दिवाली पर निबंध

Bal Diwas से जुड़े कुछ सवाल और उनके जवाब

प्रश्न 1:  बाल दिवस कब से मनाया जाता है ?

उत्तर : 1925 से और साल 1953 में इससे दुनिया भर में मान्यता मिली.

प्रश्न 2. विश्व बाल दिवस कब मनाया जाता है ?

उत्तर : 20 नवंबर

प्रश्न 3. अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस कब मनाया जाता है ?

उत्तर : 20 नवंबर

प्रश्न 4. चिल्ड्रन डे कब मनाया जाता है ?

उत्तर : 14 नवंबर

प्रश्न 5. बाल दिवस कब है ?

उत्तर : 14 नवंबर

WordPress Plugin Kya Hai

WordPress Plugin ek code ka use kar banaya gaya software hota hai jisse WordPress site me add kiya jata hai.

Iska use WordPress site me koi naya feature add karne ke liye ya fir jo pahle se di gayi functionality me badlav karne ke liye karte hai.

WordPress plugin ko WordPress ki site me add karna bahut hi aasan hota hai.

Assan shabdo me:

Code ke group ko plugin kehta hai iska istemal WordPress site me naya feature jorne ke liye kiya jata hai.

WordPress Plugin Kya Hai

Vaise vyakti jinhe coding ke bare me bilkul bhi jankari nahi hai vo bhi agar chahe to plugin ka use kar apne WordPress ki site me naya feature add kar sakte hai. WordPress ke admin panel me login kar aap jab chahe kisi bhi plugin ko install ya uninstall kar sake hai.Plugin se juri feature ka istemal kar sakte hai.

WordPress Plugin Option

Aap jab WordPress ke admin panel me login karenge to baye side me diye gaye option me Plugins ka option dikhega jaha aapko Add New option (yani ki naya plugin add karne ka feature) sath hi Installed Plugins ka option milta hai jisse aap pahle se install hue plugin dekh sake hai sath hi Inactive/uninstall bhi kar sakte hai.

WordPress Plugin Option

Lekin agar aap apne site ko user ke liye achha banana chahte hai to aise me jyda plugin ka use na kre isse website ki loading time badh jati hai keval unhi plugin ka istemal karna chiye jinki aapko jyda jarurat ho.

Encryption Aur Decryption Kya Hai

Encryption Aur Decryption किसी भी डाटा सिक्योरिटी में या फिर SSL सिक्योरिटी के लिए एक मुख्या प्रक्रिया के तौर पर उसे किया जाता है. आज के इस लेख में आप जानेंगे की encryption aur decryption kya hai और इसका उपयोग क्यों किया जाता है.

what is encryption and decryption in hindi

एन्क्रिप्शन क्या है (What Is Encryption)?

एन्क्रिप्शन एक प्रोसेस होता है जिसमें डाटा को रेडबले फॉर्म यानि की प्लेन टेक्स्ट के फॉर्म से एनकोड या एन्क्रिप्ट वर्शन में बदला जाता है .ये एनकोडेड या एन्क्रिप्टेड डेटा हर कोई नहीं पढ़ सकता है इससे सिर्फ वही व्यक्ति समझ सकता है जिसके पास इसका डेक्रिप्शन कीय होगा.

एन्क्रिप्टेड और एनकोडेड टेक्स्ट को सिफेरटेक्सट भी कहा जाता है. एनकोडेड रिजल्ट को हम सिफेरटेक्सट कहते है.

एन्क्रिप्शन के मुख्य प्रकार (Encryption Ke Main Types)

Asymmetric encryption or public key

इसमें जो एन्क्रिप्शन के जो बनाया जाता है वो पब्लिक के लिए होता है जिससे कोई भी व्यक्ति इनफार्मेशन को एनकोड (एन्क्रिप्ट) करने के लिए कर सकता है

Symmetric encryption or private key

इस टाइप के एन्क्रिप्शन में एन्क्रिप्शन और डेक्रिप्शन कीस एक ही होता है.  इसमें जिन पार्टीज के बीच कम्युनिकेशन होता है वहां पर दोनों के पास एक ही कीय रहता है जिससे वो सुरक्षित कम्युनिकेशन कर पाते है.

Encryption का Use क्या है?

एन्क्रिप्शन प्रोसेस का उसे डाटा या मैसेज या इनफार्मेशन को एनकोड (एन्क्रिप्ट) करने के लिए किया जाता है ताकि उसे सिर्फ ऑथॉरिज़ेड पर्सन ही उसे कर सके और ुनौतोरीज़ेड कभी नहीं कर पाए.  एन्क्रिप्शन का उसे कॉन्फिडेंटिअल डाटा को सिक्योर बनाने या फिर इंटरनेट के माध्यम से ट्रांसमिट हो रहे डाटा को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है.

डेक्रिप्शन क्या है (What Is Decryption)?

डेक्रिप्शन एक प्रोसेस है जिससे एनकोडेड या एन्क्रिप्टेड डेटा (इनफार्मेशन) को रेडबले वर्शन या प्लेन टेक्स्ट के रूप में बदला जाता है. यह एन्क्रिप्शन का प्रोसेस का विपरीत प्रोसेस होता है.

Top 50+ Best High Domain Authority Free Social Bookmarking Sites List 2022

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Is blog post me hum apke sath share karne ja rahe hai Best High Domain Authority Free Social Bookmarking Sites jo apke bahut jyada kaam aane wala hai.

Social bookmarking ek bahut hi mahatavpurn off page SEO technique hai. Social bookmarking sites ki madad se hum apne blog ke liye quality backlink bana pate hai jisse blog ki search engine ranking achhi hoti hai sath Page authority aur domain authority bhi increase hota hai.

Itna hi nahi social bookmarking sites par bookmarking kar site par ham traffic bhi la pate hai jo ki ek blogger ke liye sabse jyada jaruri hota hai.

Top 50+ Best High Domain Authority Free Social Bookmarking Sites List 2018

Yha par maine aapke liye 50+ best free social bookmarking sites ki list share ki hai jis par aap apne blog post ke link ko bookmark kar sakte hai. Best Social bookmarking sites list jo diya hai vo sabhi top bookmarking sites hai jisse aap apne blog ki DA,PA increase kar payenge aur SERP me acha position la payenge.

Blogger ke liye ye sabhi important social bookmarking sites list 2022 hai jinka use kar vo apne blog par social media se visitor la sakte hai aur jayda se jyda audience tak apne blog post ko pachua sakte hai.

यह भी पढ़े : Social Bookmarking Kya Hai

Best High DA Free Social Bookmarking Sites List 2022

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Umeed hai ki hamare dwara share kiye gaye High DA Free Social Bookmarking Sites List 2022 se aapko blog ke SEO me kafi fayda hoga.

Agar aapko hamare dawara di gayi jankari achha laga to isse share jarur kare. Agar koi sawal ya sujhav ho to comment kare.

Social Bookmarking Kya Hai

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Aaj ke is blog post me hum apko social bookmarking ke bare me puri jankari dene wale hai.

Agar aap ek blogger hai ya fir seo executive hai to aise me apko social bookmarking ke bare me jankari honi chahiye.

Social Bookmarking Kya Hai (What is Social Bookmarking in SEO) ?

Social bookmarking ek tarika(process) hota hai jisme web page ke link ko social websites par bookmark(post or submit) karte hai. Aise web page jinhe social bookmark kiya jata hai social bookmarking sites par unko Search Enginge ek quality backlink manti hai. Social bookmarking ek bahut hi achha Off page SEO technique hai jisse backlink banaya jata hai. Social bookmarking me  page, post, image, link ko social bookmarking sites par submit kiya jata hai.

Social Bookmarking Kya Hai

Social bookmarking karne se kafi sare logo ko bhi mahatavpurn jankariya asaani se mil pati hai. Search Engines jaise ki Google, Yahoo and Bing ye sabhi web page ke bookmarking ko quality backlink ke taur par dekhti hai aur is web page link search enginger ke seach result me achhe position pe aata hai.

Social Bookmarking Ka Mahatva (Importance of Social Bookmarking in SEO).

Bookmarking aako website par jayda traffic lane me kafi madad karta hai. Is aap social media ke madhyam se apne site par jydaa visitor ko la pate hai.

Backlink ka SEO me ek mahatavpurn role hota hai kyunki isse aap domain authority, traffic aur SERP position increase kar pate hai aur social bookmarking ka use kar quality backlink bana pate hai jo aapke site ka search engine result me top position me lane me madad karta hai.

Social Bookmarking Ke Fayde (Benefits of Social Bookmarking)

Vaise agar baat kare to social bookmarking ke bahut sare fayde hai. Yha par mai aapke sath unme se useful jo hai unhe share kar raha hu.

  • Social bookmarking ka use karne se aapke website ko jayada se jayda log jan pate hai.
  • Yeh aapke website ka Page Rank aur SERP ko achha karne me madad karta hai.
  • Is aap apne site ke webpage ke liye quality backlink bana pate hai.
  • Is aap apne site par jyada se jyada traffic la pate hai.
  • Iski madad se aap apne site ka domain authority bhi achha kar pate hai.

Social Bookmarking Submission Sites List 2022

Ye aise websites hote hai jaha aapko apne web page ke link ko bookmark(post or share) karne ka option milta hai.

SEO ke liye ye kafi jayada mahatavpurn hota hai is apne webpage ke liye aap quality backlink bana sakte hai.

ex: Facebook, Twitter, Pinterest etc

यह भी पढ़े : Top 50+ Best High Domain Authority Free Social Bookmarking Sites List 2022

Agar aapko hamare dawara di gayi jankari achha laga to isse share jarur kare. Agar koi sawal ya sujhav ho to comment kare.

Train Seat Availability Kaise Check Kare

Abhi ke samay me har koi smartphone user hai aur internet ka use kar rha hai aise me jab bhi hame train se safar karna hota hai to hum sabse pahle sochte hai ki train me seat available hai ya nahi ye malum kare. Aaj ke is post me AAP janenge ki Train seat availability kaise pata karte hai. Agar AAP train me tickets lene ke Liye sochte hai ya aapka mann banata hai to aise me counter jane se pehle aapko Train seat availability search jarur kar lena chahiye.

Train Ki Seat Availability Kaise Check Kare

To aaye vistaar se jante hai ki train ki seat availability kaise check Kare ke bare me.

Steps.

Step 1.

Sabse pahle aap yaha click kare.

Step 2.

Ab ek web page open hoga use fill karna hota hai.

  1. Sabse pahle aap train number likhe
  2. Apne journey ka date chune
  3. Source station ka code likhe
  4. Destination station ka code likhe.
  5. Class chune (jaise ki sleeper, third ac, second ac)
  6. Quota chune (isme general hi rehne de)
  7. Get Availability button par click kare.

Step 3.
Ab ek popup open hoga jisme aapko captcha verification karna hota hai.

  1. Upar diye gaye captcha text ko box me likhe.
  2. Ab Get Availability button par click kare.

Step 4.

Ab aapke samne ek new page open hoga jisme seat availability dikhegi.

Ab aapke samne train ki seat availability ka result aa jayega jisse dekh aap confirm kar sakte hai aur aapko pata chal jayega ki us din train me kitne seat available hai ya nahi hai.

Agar Indian railway seat availability se jura koi sawal ya sujhav ho to comment kar bataye.

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